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पृथ्वी के साथ हो रहा अनर्थ : खिसक रहा है नार्थ पोल, साइबेरिया की ओर हो रहा है शिफ्ट || Disaster with Earth: Moving towards the North Pole, Siberia



पृथ्वी के साथ हो रहा अनर्थ : खिसक रहा है नार्थ पोल, साइबेरिया की ओर हो रहा है शिफ्ट || Disaster with Earth: Moving towards the North Pole, Siberia



पृथ्वी के साथ हो रहा अनर्थ : खिसक रहा है नार्थ पोल, साइबेरिया की ओर हो रहा है शिफ्ट, Disaster with Earth Moving towards the North Pole, Siberia
 Disaster with Earth: Moving towards the North Pole, Siberia


नमस्कार दोस्तों Newkhabri में आपका बहुत बहुत स्वागत है मेरा नाम विकास यादव है दोस्तों पृथ्वी का खिसक रहा है नार्थ पोल, साइबेरिया की ओर हो रहा है शिफ्ट 


पृथ्वी पर इन दिनों अनर्थ की शुरुआत हो गई है अगर आप अब तक बढ़ते पॉल्यूशन, ग्लोबल वार्मिंग और बढ़ते ह्यूमन पापुलेशन को ही धरती के लिए खतरे के तौर पर देखते थे तो सचेत हो जाइए एक और खतरा बड़ी खामोशी से विकराल रूप धारण कर रहा है और इसे ठीक करने का कोई भी रास्ता फिलहाल किसी के पास नही है और न ही किसी को समझ आ रहा है दरअसल, पृथ्वी का नार्थ पोल तो फिक्स है लेकिन धरती पर डॉयरेक्शन को समझने के लिए जिस मैग्नेटिक नार्थ पोल का हम इस्तेमाल करते हैं वह अपनी स्थिति बदल रहा है मैग्नेटिक नार्थ पोल का डॉयरेक्शन नार्थ पोल ( कनाडाई आर्कटिक ) से 55 किलोमीटर ( 34 माइल ) की दर से साइबेरिया की तरह खिसक रहा है मैग्नेटिक नार्थ पोल के जरिये कंपास पर डायरेक्शन दिखता है इस बदलाव की वजह से इंटरनेशनल नेवल रूट्स की कार्गो और नेवल रूट्स पर नेविगेशन सम्बधी दिक्कतें होने लगी हैं  ।


वैज्ञानिको का दावा, हर साल 55 किलोमीटर तक खिसक रहा है नार्थ पोल, इनकी वजह से एयर और नेवल ऑपरेशन में पड़ रहा है असर 

ढूढ़ना होता है मुश्किल - पृथ्वी के मैगनेटिक पोल्स पिछले कुछ डिकेड में इतनी तेजी से खिसके हैं कि अब नेविगेशन को-ऑर्डीनेट्स ढूढ़ने में भी दिक्कतें होने लगी है इस वजह से इंटरनेशनल वाटर्स में रुट के को-ऑर्डीनेट्स को लेकर लोकेशन फिक्सेशन में दिक्कतें इक्वेटर के पास वाले रीजन में सबसे ज्यादा है ऐसे में, हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक अपडेट जारी किया कि टू नार्थ पोल असल मे कहां था ।



क्या है मौजूदा अपडेट ?



अपडेट के मुताबिक, मैगनेटिक नार्थ पोल हर साल करीब 55 किलोमीटर खिसक रहा है इसने 2017 में इंटरनेशनल डेट लाइन ( आईडीएल ) को पार कर लिया था और यह साइबेरिया की तरफ बढ़ते हुए फिलहाल कनाडाई आर्कटिक से आगे बढ़ रहा है कोलाराडो यूनिवर्सिटी के जियो फिजिक्स और न्यू वर्ल्ड मैग्नेटिक मॉडल के मेन रिसर्चर अर्नोड चुलियट ने बताया कि लगातार बदल रहे इसकी लोकेशन की वजह से स्मार्टफोन और कस्टमर्स के इस्तेमाल वाले कुछ इलेक्ट्रॉनिक के कंपासेज में समस्या आ रही है ।



पृथ्वी पर क्या असर दिख रहा है 



1: मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के जियोफिजिस्ट डेनियल लेथ्रोप ने बताया कि पोल शिफ्टिंग के कारण धरती के बाहरी कोर में हलचल है ।
2: रिसर्च में पता लगा है कि इस बदलाव से साउथ पोल भी अफेक्टेड हुआ है मगर नार्थ के मुकाबले बहुत धीमी गति से खिसक रहा है ।
3: पृथ्वी के कोर में मोल्टन मेटल्स मेगाओशन है जहाँ हलचल से मैगनेटिक फील्ड पैदा होता है ।


क्या दिक्कतें हो रही बदलाव के कारण?

1: एवीएशन व नेवल ऑपरेशन्स मेनली नार्थ पोल रिलेंटेड सिस्टम्स पर काम करती है ।
2: ऐसे में, जीपीएस को-ऑर्डीनेट्स को ढूढ़ने में ज्यादा असर नही पड़ा है क्योंकि वह सैटेलाइट लोकेशन के हिसाब से काम करता है लेकिन मैनुअल नेविगेशन में इसका असर देखा जा सकता है ।
3: वही, नासा, फेडरल एविएशन सिस्टम और अमेरिकन फारेस्ट सर्विस भी इस्तेमाल करती है ।
4: ऐसे में, मिलिट्री नेवल ऑपरेशंस और पैराशूट उतारने के लिए मैनुअल नार्थ पोल पोजिशनिंग पर फोकस करते है जो कि इस बदलाव से अफेक्टेड हो रहे हैं ।
5: एयरपोर्ट्स के रनवे के नाम भी मैगनेटकि नॉर्थ पोल की तरफ उनके डायरेक्शन पर आधारित होते हैं और पोल्स के घूमने पर उनके नाम भी बदल जाते हैं ।



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