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यादें शायरी || Memories Shayari

यादें शायरी || Memories Shayari

यादें शायरी,Memories Shayari
यादें शायरी
नमस्कार दोस्तों www.newkhabri.com में आपका बहुत बहुत स्वागत है मेरा नाम विकास यादव है दोस्तों आज मैं आपको बहुत ही ज्यादा प्यारी और मजेदार यादें शायरियों के बारे में बताऊँगा।


शायरी - 1

कोई खुशियों की चाह में रोया,
कोई दुखों की पनाह में रोया,
अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का,
कोई भरोसे के लिए रोया,
कोई भरोसा कर के रोया।

शायरी - 2

मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हुमारा ये पैगाम हैं,
वादा-ए-वफा करो तो फिर खुद को फना करो,
वरना खुद के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो।

शायरी - 3

छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,
जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर।

शायरी - 4

तू चाँद मे सितारा होता,
आसमान के एक आशियाना में
एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूर से देखते,
नज़दीक से देखने का हक बस हमारा होता।

शायरी -5

तेरा दिल उदास क्यों है,
तेरी आँखों में प्यास क्यों है,
जो छोड़ गया तुझे मझदार में ,
उससे मिलने की आस क्यों है,
जो दे गया दर्द ज़िन्दगी भर का,
वही तेरे लिए ख़ास क्यों है।

शायरी - 6

ज़िक्र भी करदूं ‘मोदी’ का तो खाता हूँ गालियां
अब आप ही बता दो मैं
इस जलती कलम से क्या लिखूं ,

कोयले की खान लिखूं
या मनमोहन बेईमान लिखूं ,

पप्पू पर जोक लिखूं
या मुल्ला मुलायम लिखूं ,

सी.बी.आई. बदनाम लिखूं
या जस्टिस गांगुली महान लिखूं ,

शीला की विदाई लिखूं
या लालू की रिहाई लिखूं ,

‘आप’ की रामलीला लिखूं
या कांग्रेस का प्यार लिखूं ,

भ्रष्टतम् सरकार लिखूँ
या प्रशासन बेकार लिखू ,

महँगाई की मार लिखूं
या गरीबो का बुरा हाल लिखू ,

भूखा इन्सान लिखूं
या बिकता ईमान लिखूं ,

आत्महत्या करता किसान लिखूँ
या शीश कटे जवान लिखूं ,

विधवा का विलाप लिखूँ ,
या अबला का चीत्कार लिखू ,

दिग्गी का टंच माल लिखूं
या करप्शन विकराल लिखूँ ,

अजन्मी बिटिया मारी जाती लिखू,
या सयानी बिटिया ताड़ी जाती लिखू ,

दहेज हत्या, शोषण, बलात्कार लिखू
या टूटे हुए मंदिरों का हाल लिखूँ ,

गद्दारों के हाथों में तलवार लिखूं
या हो रहा भारत निर्माण लिखूँ ,

जाति और सूबों में बंटा देश लिखूं
या बीस दलो की लंगड़ी सरकार लिखूँ ,

नेताओं का महंगा आहार लिखूं
या 5 रुपये का थाल लिखूं ,

लोकतंत्र का बंटाधार लिखूं
या पी.एम्. की कुर्सी पे मोदी का नाम लिखूं ,

अब आप ही बता दो मैं
इस जलती कलम से क्या लिखूं ,


शायरी - 7

किस्मत पर एतबार किसको है,
मिल जाय ख़ुशी तो इंकार किसको है,
कुछ मेरी मजबूरियां हैं मेरी जान,
वरना जुदाई से प्यार किसको है।

शायरी - 8

क्यो किसी से इतना प्यार हो जाता है,
एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है,
लगने लगते है अपने भी प्यारे,
और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है।

शायरी - 9

आईना देखोगे तो मेरी याद आएगी,
साथ गुज़री वो मुलाकात याद आएगी,
पल भर क लिए वक़्त ठहर जाएगा,
जब आपको मेरी कोई बात याद आएगी।

शायरी - 10

दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आ कर यू तडपाया ना करो।


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